रतलाम में भरी मीणाओ ने हुंकार

दिवाली मिलन समारोह में जुटा समाज का बड़ा वर्ग आप
सभी रविवार के अवकाश से मुक्त काम पर वापस आ गए है. तो लीजिये आपके लिए पूरा सप्ताह खुशगवार हो इसके लिए एक सुखद समाचार. दोस्तों रतलाम के बारे में अब तक सुना था की वहाँ के लोग शिक्षित है और समाज के प्रति बहुत ज्यादा रूचि रखते हैं। ये अब तक उदाहरण था लेकिन १६ नवम्बर को ये सब देख भी लिया जब समाज एक मंच के नीचे जुटा और समाज की एकता और अखंडता के लिए संकल्प लिया। कार्यक्रम सुबह ९ बजे से शुरू होना था लेकिन स्थान बदलने से थोडी दिक्कत हुई हालाँकि ११ बजे तक भीड़m जुटने लगी। भाई गोपाल मीणा जो कार्यक्रम के aआयोजक थे सुबह से लोगो की आमद को लेकर pareshan थे लेकिन badti संख्या को dekhkar khusi umke chehre से jhalkne लगी थी। १२ बजे कार्यक्रम शुरू हुआ और १२.३० बजे तक परवान चड़ने लगा। धीरे-धीरे कारवां बढता गया और १ बजे तक पूरा कुनबा जुड़ गया। में यहाँ बहुत ज्यादा नामो के उल्लेख नही करूँगा क्योंकि वहा बता हर शख्स स्पेशल था इसलिए किसी का नाम छूटे ये मुझे ख़ुद अच्छा नही लगेगा। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान मीनेष की पूजा से। कार्यक्रम के मुख्य अथितियों ने भगवान मीनेष की तस्वीर के सामने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद शुरू हुआ सिलसिला बाहर से आए अथितियों के स्वागत का। इसमे न केवल रतलाम से बल्कि इंदौर, उज्जैन, नागदा, भोपाल, राजस्थान और मुबई से लोग आए थे। इन सभी ने समाज को आगे ले जाने के लिए अलग-अलग सुझाव दिए। खासतोर से समाज में आपसी दूरियों पर विशेष चर्चा हुई। कार्यक्रम में संकल्प लिया की अगले वर्ष इसको सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप का बड़ा वर्ग जायेगा। कार्यक्रम में करीब ८० परिवारों ने हिस्सा लिया और अपने-अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने समाज की एकजुटता की बात कही और उसे पूरा करने के लिए सुझाव भी दिए। प्रदेश में अब तक का ये सबसे शानदार कार्यक्रम रहा। इसके पहले भोपाल और नसरुल्लागंज में भी दिवाली मिलन समारोह आयोजित हुआ था। कार्यकर्ताओ ने अगले साल होने वाले कार्यक्रम को संस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में मानाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक साथ भोजन किया।

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