अपनों को पछाडा डॉ किरोडी ने
भोपाल। लालसोट क्षेत्र से दो बडे नेता सहकारिता मंत्री परसादीलाल मीणा व पूर्व मंत्री वीरेन्द्र मीणा मंडावरी कस्बे के रहने वाले हैं। दोनों नेताओं की जमीनी हकीकत की पोल लोकसभा चुनाव परिणाम के साथ सामने आ गई। डा. किरोडीलाल मीणा ने दोनों को उनके घर में भी पीछे छोड दिया। रोचक बात यह है कि परसादी के समर्थन के बावजूद कांग्रेस मंडावरी में तीसरे पायदान पर रही। भाजपा में लोकसभा टिकट दावेदारों में से एक रहे वीरेन्द्र मीणा तो गृह क्षेत्र में भाजपा को सौ वोट भी नहीं दिला सके। मंडावरी के पांच बूथों से डा. किरोडीलाल मीणा को 1380 मत मिले, वहीं कमर रब्बानी चेची 682 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस को कुल 380 वोट व भाजपा को मात्र 83 वोट ही मिले। भाजपा के पांच माह में 15 गुना मत कमइधर पूरे लालसोट विधानसभा क्षेत्र से दोनों राष्ट्रीय दलों को कडी पराजय झेलनी पडी। करीब पांच माह पूर्व हुए विधानसभा चुनावों में लालसोट से भाजपा प्रत्याशी राजकुमार मीणा कुल 20 हजार 732 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामकिशोर मीणा को लालसोट विधानसभा क्षेत्र से कुल 1465 मत ही मिले, जो विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिले मतों से लगभग 15 गुना कम है। कुल 233 में से 44 बूथों पर तो भाजपा का खाता भी नहीं खुला। इसके अलावा 140 बूथों पर भाजपा को मिले मतों की संख्या दहाई तक भी नहीं पहुंच सकी। परसादी ने कांग्रेस को दिलाए सिर्फ 30 वोट!विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल मीणा को 6 हजार 882 वोट मिले तथा निर्दलीय परसादीलाल मीणा 49 हजार 263 मत लेकर विजयी हुए थे। वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्र्रेस को लालसोट विधानसभा से 6 हजार 912 मत मिले, जबकि इस बार कांग्रेस प्रत्याशी का साथ परसादीलाल ने भी दिया। आंकडों के हिसाब से कांग्रेस सरकार में सहकारिता मंत्री निर्दलीय विधायक परसादी मात्र 30 मतों की बढोतरी ही कांग्रेस के लिए करवा पाए। लालसोट शहर से किरोडी की करारी हारलालसोट शहर से किरोडी मीणा को चेची के मुकाबले 5 हजार 737 मतों से करारी हार मिली। डा. मीणा को लालसोट शहर के कुल 18 बूथों से मात्र 690 वोट ही मिले जबकि चेची 6 हजार 427 मत लेकर शहर से विजयी रहे। लालसोट की सबसे बडी ग्राम पंचायत डिडवाना के छह बूथों पर से चेची की जीत हुई। यह कांग्रेस की जिलाध्यक्ष सावित्री सैनी का इलाका है। कांग्रेस को यहां करारी हार का मुंह देखना पडा है।
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