मीणा समाज का नाम ऊँचा करने वाले विधयाकों की दो ख़बर
गहलोत मंत्री परिषद का दूसरा विस्तार
एक मीणा विधायक बना राज्यमंत्री और दो बनें सीएमओ में संसदीय सचिव
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : मुख्यमंत्री के रूप में इसी माह एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार करते हुए चार राज्य मंत्रियों को शामिल किया। इनमें से तीन बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक हैं। साथ ही बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले तीन अन्य विधायकों को बृहस्पतिवार को ही संसदीय सचिव बनाया गया है। यह गहलोत मंत्रिपरिषद का दूसरा विस्तार था।
राजभवन के बैंक्वेट हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कार्यवाहक राज्यपाल प्रतिभा पाटिल ने राज्य मंत्री के रूप में बृजेंद्र ओला,राजकुमार शर्मा, राजेन्द्र गुढ़ा और मुरारी लाल मीणा को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। चारों ने हिन्दी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली। इनमें से तीन राजकुमार शर्मा, राजेन्द्र गुढ़ा और मुरारीलाल मीणा एक साल पहले बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। शपथ ग्रहण समारोह में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ। सी।पी.जोशी,लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता शीशराम ओला, विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत सहित मंत्रिमण्डल के कई सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी एवं नये मंत्रियों के समर्थक मौजूद थे। राजभवन में चारों मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद बसपा के तीन अन्य विधायकों रमेश मीणा,रामकेश मीणा और गिर्राज सिंह को मुख्यमंत्री ने सीएमओ में संसदीय सचिव के रूप में शपथ दिलाई। गौरतलब है कि एक साल पहले सरकार बनाते समय दो सौ सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 96 विधायक निर्वाचित हुए थे। बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत थी। उस समय पांच निर्दलिय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। उसी समय बहुजन समाज पार्टी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उस समय मुख्यमंत्री ने इन विधायकों से मंत्री बनाने का वायदा किया था। एक साल बाद आज बसपा के तीन विधायकों को मंत्री बनाया गया है। वहीं तीन को संसदीय सचिव बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। चारों नये मंत्रियों ने शपथ लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश के विकास में काम करेंगे। दो सौ सदस्यीय विधानसभा के लिहाज से मंत्रिपरिषद में तीस सदस्य शामिल किए जा सकते है। चार नये मंत्री बनाए जाने के बाद गहलोत मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 28 हो गई है। अभी भी दो स्थान खाली है।
साभार दैनिक जागरण
गहलोत टीम में 4 और मंत्री
जयपुर. कांग्रेस सरकार के राजस्थान में एक साल पूरा होने से पूर्व किए गए मंत्रिमंडल विस्तार में गुरुवार को चार नए राज्यमंत्रियों बृजेंद्र ओला, मुरारीलाल मीणा, डॉ. राजकुमार शर्मा और राजेंद्र गुढ़ा को शामिल किया गया है। साथ ही तीन विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया।
राजभवन के बैंक्वेट हॉल में सादे समारोह में राज्यपाल प्रभा राव ने नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। अब राज्य मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या 27 हो गई है। इनमें 13 कैबिनेट और 14 राज्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में संसदीय सचिव के रूप में रामकेश मीणा, रमेश मीणा और गिर्राज सिंह मलिंगा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यमंत्रियों को विभागों का बंटावारा एक-दो दिन में किए जाने की संभावना है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बसपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में से तीन मुरारीलाल मीणा, डॉ.राजकुमार शर्मा और राजेंद्र गुढ़ा को राज्य मंत्री तथा रामकेश मीणा, रमेश मीणा और गिर्राजसिंह मलिंगा को संसदीय सचिव का पद तोहफे के रूप में दिया है। पंचायती राज चुनाव शुरू होने के ठीक पहले हुए इस विस्तार को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ठीक साढ़े दस बजे शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधिवत रूप से राज्यपाल से राज्यमंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने का आग्रह किया। राज्यपाल ने चारों राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई और बधाइयां दी। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. सी.पी. जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला, सासंद डॉ. महेश जोशी, राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, कई प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ अन्य अधिकारी, कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी और मंत्रियों के समर्थक मौजूद थे। राजभवन में शपथ ग्रहण से पहले इन मंत्रियों को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से तिलक लगाकर रवाना किया गया। कांग्रेस कार्यालय में उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया और सोनिया गांधी, अशोक गहलोत और सीपी जोशी के समर्थन में नारे लगाए।
राष्ट्रगान के समय शोरगुल से राज्यपाल खफा राजभवन में राष्ट्रगान के दौरान शोरगुल होने से राज्यपाल प्रभा राव खफा नजर आई। शपथ ग्रहण के पहले राज्यपाल के बैंक्वेंट हॉल में आते ही राष्ट्रगान हुआ, सभी को सावधान की मुद्रा में खड़े होने की हिदायत भी दी गई, लेकिन लोगों का हॉल में आना और शोरगुल करना जारी रहा। राज्यपाल की रवानगी से पहले एक बार फिर से राष्ट्रगान हुआ तो उससे पहले ही राज्यपाल ने राष्ट्रगान के दौरान शोर नहीं करने की हिदायत दी।
छाया रहा मारवाड़ी साफा
झुंझुनूं जिले से आने वाले डॉ. राजकुमार शर्मा और राजेंद्र गुढ़ा दोनों शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मारवाड़ी साफा बांधकर पहुंचे। वहीं, बृजेंद्र ओला और मुरारीलाल मीणा बिना साफा के आए। गुढ़ा ने शपथ ग्रहण के बाद अंग्रेजी हैट लगा लिया, जो कुछ समय पहले तक उनके भाई पूर्व विधायक रणवीर गुढ़ा ने लगा रखा था।
सबको समय पर मौका मिलेगा: सीपी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में सबको समय पर मौका मिलेगा। सत्ता और संगठन साथ बैठकर मंत्रियों और पार्टी नेताओं के फीडबैक पर चर्चा करते हैं और इसके आधार पर ही नियुक्तियों पर फैसले होते हैं। जोशी ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा पार्टी में सबको समय पर मौका दिया जाएगा। सरकार को एक साल हुआ है, अभी चार साल बाकी हैं। नए मंत्रियों के सवाल पर जोशी ने कहा कि हमने राज्य की जनता को स्थाई सरकार का वादा किया था, हमारे पास केवल 96 विधायक ही थे। ऐसे में जिन लोगों ने स्थाई सरकार के लिए समर्थन दिया उनका ध्यान रखना ही था। पार्टी का हित और जनता से किए गए वादों को देखते हुए निर्णय किए जाते हैं। कुछ समय बाद पंचायत चुनाव होने हैं, उनमें पार्टी का फायदा भी देखना था। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को मंत्री और संसदीय सचिव बनाने से पार्टी में असंतोष के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के निर्णय को पार्टी में स्वीकार किया जाता है। अभी तो सरकार के चार साल बाकी हैं।
जनता चार साल बाद जवाब देगी : श्रवण कुमार
सूरजगढ़ से कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार ने पहली बार विधायक बनने वालों को मंत्री बनाए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि विधायकों की वरिष्ठता देखने का काम मुख्यमंत्री का है। मंत्री बनाने में वरिष्ठता के उल्लंघन पर जनता विस्तार करने वालों से जवाब मांगेगी और चार साल बाद जनता इसका जवाब देगी। श्रवण कुमार की नाराजगी के पीछे उनकी जगह ब्रिजेंद्रसिंह ओला को मंत्री बनाया जाना मुख्य वजह बताई जा रही है।
साभार दैनिक भास्कर
एक मीणा विधायक बना राज्यमंत्री और दो बनें सीएमओ में संसदीय सचिव
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : मुख्यमंत्री के रूप में इसी माह एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार करते हुए चार राज्य मंत्रियों को शामिल किया। इनमें से तीन बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक हैं। साथ ही बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले तीन अन्य विधायकों को बृहस्पतिवार को ही संसदीय सचिव बनाया गया है। यह गहलोत मंत्रिपरिषद का दूसरा विस्तार था।
राजभवन के बैंक्वेट हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कार्यवाहक राज्यपाल प्रतिभा पाटिल ने राज्य मंत्री के रूप में बृजेंद्र ओला,राजकुमार शर्मा, राजेन्द्र गुढ़ा और मुरारी लाल मीणा को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। चारों ने हिन्दी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली। इनमें से तीन राजकुमार शर्मा, राजेन्द्र गुढ़ा और मुरारीलाल मीणा एक साल पहले बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। शपथ ग्रहण समारोह में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ। सी।पी.जोशी,लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता शीशराम ओला, विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत सहित मंत्रिमण्डल के कई सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी एवं नये मंत्रियों के समर्थक मौजूद थे। राजभवन में चारों मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद बसपा के तीन अन्य विधायकों रमेश मीणा,रामकेश मीणा और गिर्राज सिंह को मुख्यमंत्री ने सीएमओ में संसदीय सचिव के रूप में शपथ दिलाई। गौरतलब है कि एक साल पहले सरकार बनाते समय दो सौ सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 96 विधायक निर्वाचित हुए थे। बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत थी। उस समय पांच निर्दलिय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। उसी समय बहुजन समाज पार्टी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उस समय मुख्यमंत्री ने इन विधायकों से मंत्री बनाने का वायदा किया था। एक साल बाद आज बसपा के तीन विधायकों को मंत्री बनाया गया है। वहीं तीन को संसदीय सचिव बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। चारों नये मंत्रियों ने शपथ लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश के विकास में काम करेंगे। दो सौ सदस्यीय विधानसभा के लिहाज से मंत्रिपरिषद में तीस सदस्य शामिल किए जा सकते है। चार नये मंत्री बनाए जाने के बाद गहलोत मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 28 हो गई है। अभी भी दो स्थान खाली है।
साभार दैनिक जागरण
गहलोत टीम में 4 और मंत्री
जयपुर. कांग्रेस सरकार के राजस्थान में एक साल पूरा होने से पूर्व किए गए मंत्रिमंडल विस्तार में गुरुवार को चार नए राज्यमंत्रियों बृजेंद्र ओला, मुरारीलाल मीणा, डॉ. राजकुमार शर्मा और राजेंद्र गुढ़ा को शामिल किया गया है। साथ ही तीन विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया।
राजभवन के बैंक्वेट हॉल में सादे समारोह में राज्यपाल प्रभा राव ने नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। अब राज्य मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या 27 हो गई है। इनमें 13 कैबिनेट और 14 राज्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में संसदीय सचिव के रूप में रामकेश मीणा, रमेश मीणा और गिर्राज सिंह मलिंगा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यमंत्रियों को विभागों का बंटावारा एक-दो दिन में किए जाने की संभावना है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बसपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में से तीन मुरारीलाल मीणा, डॉ.राजकुमार शर्मा और राजेंद्र गुढ़ा को राज्य मंत्री तथा रामकेश मीणा, रमेश मीणा और गिर्राजसिंह मलिंगा को संसदीय सचिव का पद तोहफे के रूप में दिया है। पंचायती राज चुनाव शुरू होने के ठीक पहले हुए इस विस्तार को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ठीक साढ़े दस बजे शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधिवत रूप से राज्यपाल से राज्यमंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने का आग्रह किया। राज्यपाल ने चारों राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई और बधाइयां दी। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. सी.पी. जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला, सासंद डॉ. महेश जोशी, राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, कई प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ अन्य अधिकारी, कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी और मंत्रियों के समर्थक मौजूद थे। राजभवन में शपथ ग्रहण से पहले इन मंत्रियों को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से तिलक लगाकर रवाना किया गया। कांग्रेस कार्यालय में उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया और सोनिया गांधी, अशोक गहलोत और सीपी जोशी के समर्थन में नारे लगाए।
राष्ट्रगान के समय शोरगुल से राज्यपाल खफा राजभवन में राष्ट्रगान के दौरान शोरगुल होने से राज्यपाल प्रभा राव खफा नजर आई। शपथ ग्रहण के पहले राज्यपाल के बैंक्वेंट हॉल में आते ही राष्ट्रगान हुआ, सभी को सावधान की मुद्रा में खड़े होने की हिदायत भी दी गई, लेकिन लोगों का हॉल में आना और शोरगुल करना जारी रहा। राज्यपाल की रवानगी से पहले एक बार फिर से राष्ट्रगान हुआ तो उससे पहले ही राज्यपाल ने राष्ट्रगान के दौरान शोर नहीं करने की हिदायत दी।
छाया रहा मारवाड़ी साफा
झुंझुनूं जिले से आने वाले डॉ. राजकुमार शर्मा और राजेंद्र गुढ़ा दोनों शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मारवाड़ी साफा बांधकर पहुंचे। वहीं, बृजेंद्र ओला और मुरारीलाल मीणा बिना साफा के आए। गुढ़ा ने शपथ ग्रहण के बाद अंग्रेजी हैट लगा लिया, जो कुछ समय पहले तक उनके भाई पूर्व विधायक रणवीर गुढ़ा ने लगा रखा था।
सबको समय पर मौका मिलेगा: सीपी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में सबको समय पर मौका मिलेगा। सत्ता और संगठन साथ बैठकर मंत्रियों और पार्टी नेताओं के फीडबैक पर चर्चा करते हैं और इसके आधार पर ही नियुक्तियों पर फैसले होते हैं। जोशी ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा पार्टी में सबको समय पर मौका दिया जाएगा। सरकार को एक साल हुआ है, अभी चार साल बाकी हैं। नए मंत्रियों के सवाल पर जोशी ने कहा कि हमने राज्य की जनता को स्थाई सरकार का वादा किया था, हमारे पास केवल 96 विधायक ही थे। ऐसे में जिन लोगों ने स्थाई सरकार के लिए समर्थन दिया उनका ध्यान रखना ही था। पार्टी का हित और जनता से किए गए वादों को देखते हुए निर्णय किए जाते हैं। कुछ समय बाद पंचायत चुनाव होने हैं, उनमें पार्टी का फायदा भी देखना था। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को मंत्री और संसदीय सचिव बनाने से पार्टी में असंतोष के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के निर्णय को पार्टी में स्वीकार किया जाता है। अभी तो सरकार के चार साल बाकी हैं।
जनता चार साल बाद जवाब देगी : श्रवण कुमार
सूरजगढ़ से कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार ने पहली बार विधायक बनने वालों को मंत्री बनाए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि विधायकों की वरिष्ठता देखने का काम मुख्यमंत्री का है। मंत्री बनाने में वरिष्ठता के उल्लंघन पर जनता विस्तार करने वालों से जवाब मांगेगी और चार साल बाद जनता इसका जवाब देगी। श्रवण कुमार की नाराजगी के पीछे उनकी जगह ब्रिजेंद्रसिंह ओला को मंत्री बनाया जाना मुख्य वजह बताई जा रही है।
साभार दैनिक भास्कर
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