"आरक्षण" जो भी लोग आरक्षण के विरोध में बोलते है वो कुछ सवालो के जवाब दे.
"आरक्षण"
जो भी लोग आरक्षण के विरोध में बोलते है वो कुछ सवालो के जवाब दे.
१) आरक्षण क्या है?
२) आरक्षण देने की नौबत क्यों आई?
3) आरक्षण क्यों दिया गया?
4) आरक्षण किसे दिया गया?
5) क्या आरक्षण सिर्फ SC, ST, और OBC के लिए ही है?
6) क्या आरक्षण से सच में देश का नुकसान हो रहा है / या विकास हो रहा है ?
7) आरक्षण के लिए पैसे कहा से आते है?
8) क्या देश में आरक्षण से दुसरो के हक़ पे गदा आ रही है?
बहुत से लोग इन्ही बातों के लिए आरक्षण का विरोध करते है. पर कभी खुद की अकल नहीं चलाते. बस सुनी सुनाई बातों पे विश्वास रख देते है. जान बुझ के खुद को अँधेरे में रखते है.
चलिए सब से पहले पहले सवाल का जवाब देते है...
१) आरक्षण क्या है?
आरक्षण जो पिछड़े जाती के लोग है उन्हें आधुनिक लोगों के साथ लाने के लिए किया गया एक प्रयास है। ताकि देश में सभी को समानता का हक़ मिले और देश का विकास बनता रहे.
२) आरक्षण देने की नौबत क्यों आई?
इस सवाल का जवाब सब से महत्त्वपूर्ण है. लोग आरक्षण का विरोध तो करते है लेकिन ये नहीं सोचते की आखिर आरक्षण की जरुरत ही क्यों पड़ी???
क्या है किसीके पास जवाब?
अरे भाई, तुम लोग सिर्फ किस का खून हुवा बस यही बात देख रहे हो... पर वो खून क्यों हुवा और किसने किया इसकी तरफ ध्यान क्यों नहीं देना चाहते???
५००० साल पहले आर्यो ने यहाँ की जनता को अपना गुलाम बनाया.
आर्य (आज के ब्राम्हण) उन्होंने अपनी सत्ता और लालच के लिए यहाँ की जनता को बाँट दिया. ताकि लोग उनका विरोध न कर सके. जिन्होंने विरोध करने की कोशिश की उन्हें अछूत, शूद्र कहकर समाज से बहिस्कृत किया. अपनी सत्ता को अबाधित रखने के लिए इंसानो को इंसान से ही अलग कर दिया. जात पात बनाके इंसानो को आपस में ही बाँट दिया. इसका असर भी हुवा, लोग एक दूसरे को खुद से अलग समझने लगे. कोई बड़ा बन गया कोई बेवजह गुलाम बन गया.
५००० साल तक इनपे जो अत्याचार हुवे वो इंसानियत को शर्मसार कर गए.
कमर में झाड़ू,
गले में मटका,
जमीं पे थूंक भी नहीं सकते,
पैसा कमा नहीं सकते,
गाव का पानी पी नहीं सकते,
गाव के बहार रहो,
मरे हुवे, फेंके हुवे जानवरो का मास खाओ,
सड़ा गला पानी पीओ जिसे कुत्ते भी न पिए.
उन्हें कभी इंसान ही समझा न गया. उनके सारे अधिकार छीन लिए गए. वो बाकि जातियों से इतना पिछड़ गए की उन्हें लगने लगा उनका जन्म गुलामी के लिए ही हुवा है.
बिना पैसे के सेवा करते रहो बस. तुम्हे सांस तक पूछके लेनी पड़ती थी. उनका स्वाभिमान ही चक्काचूर कर दिया गया. वो इंसान तो थे पर इंसान नहीं.
फिर बताइये क्यों न दिया जाये इन्हें आरक्षण???
क्या वो इंसान नहीं?
जीने का हक़ सिर्फ तुम लोगों को है?
तुम यहाँ महलो में रहो, पार्टीया मनाओ, खुश रहो.
और वो???
सड़क पे सिसटकर मरते रहे???
अगर आप के साथ ऐसा हो तो????
अरे सीधी सी बात है,
अगर दो भाइयों में से किसी एक को सब कुछ मिले और दूसरे को कुछ भी नहीं तो क्या ये सही है?
कभी खुद को भी दूसरे भाई की जगह रख कर सोचे.
क्या तब भी यही कहेंगे?
आप खुद सोचिये अगर आरक्षण की वजह से उन की गुलामी टूटती है तो क्या ये बुरा है?
क्या वो देश का हिस्सा नहीं?
या फिर आप भी कहोगे ये इंसान नहीं????
3) आरक्षण क्यों दिया गया?
आरक्षण इसी लिए दिया जाता है ताकि देश के सभी लोग विकास करे.
किसी के साथ अन्याय न हो,
किसीके अधिकार छीने न जाये,
सब को समानता से जीने का अधिकार मिले इस लिए दिया जाता है आरक्षण.
4) आरक्षण किसे दिया गया?
इसका जवाब बहुत बड़ा है. शार्टकट में...
जो भी जातियाँ जिन्हे अच्छुत या फिर शूद्र कहकर सम्बोधा जाता था उन्हें आरक्षण की तरतूद की गयी.
OBC लोगोंके साथभी भेदभाव किया गया.
OBC में आने वाली, तेली, कुणबी, माली जैसी कई जातीयों को आरक्षण दिया गया. क्यों की इनकी भी स्थिति बहुत ही ख़राब थी.
अरे भला हो उस संविधान का और उसको बनाने वाले बाबासाहेब का जिन्होंने SC/ST/OBC को अधिकार वापस दिलाये.
आज पढ़ रहे हो, कमा रहे हो, दूसरे लोगों के साथ कंधे से कन्धा मिला के चल रहे हो ये संविधान की वजह से.
लेकिन फिर भी इन्ही मनुवादी लोगों ने बाबासाहेब के प्रति तुम्हारे(OBC) मन में विष फैला दिया.
तुम्हारे असली रक्षक बाबासाहेब थे, जिन्हे तुम लोगों ने अपना दुश्मन समझा.
अगर कथित उच्च वर्णियों को तुम्हारी चिंता होती तो क्या हिन्दू होकर भी वो तुम्हारे साथ पक्षपात करते?
हिन्दू कोड बिल को भी विरोध किया गया. क्यों???
क्यों की कथित उच्च वर्णियों को ये मंजूर नहीं था की निचले जाती के लोग भी प्रगति करे.
आप चाहे तो बाल गंगाधर तिलक के विचार पढ़ले.
उसने कहा था कुणबी क्या लोकसभा में हल चलाएंगे ?
माली क्या फूल लगाएंगे ?
और भी बहुत कुछ कहा था.
अरे इन मनुवादियोने तो शिवाजी महाराज को भी शूद्र कह के अपमान कि फिर आप लोग ही सोचिये क्या इन्हे सच में दलितों की तो छोडो पर हिन्दुओ(OBC) की भी कदर है क्या?
हिन्दू कोड बिल क्यों पास नहीं हुवा???
क्यों की अगर पास होता तो सभी हिन्दू, खास कर के अौरते उच्च वर्ग को पूछती बाबासाहेब जैसे पिछड़े जाती के नेता को हमारी इतनी कदर है, उन्होंने हमारा उद्धार कराया तब आप लोग क्या कर रहे थे???
यही सच्चाई है दोस्तों...
आप चाहे तो लोकसभा से लेके राज्यसभा तक, बड़े बड़े कम्पनियो के मालक, यहाँ तक की हमारी मीडिया भी उच्च वर्ग के हाथो में है. जो खुद को हिन्दू तो बताते है पर इन्हे बाकि हिंदुयों से कोई मतलब नहीं.
अगर आरक्षण न दिया जाता तो आज आप न राजनीती में होते न बड़े पदो पे. OBC इस शब्द का भी बहुत बड़ा इतिहास है. बाबासाहेब ने हिन्दुओ में से बहुत सी पिच्छड़ी जाती को ये नाम दिया है. ताकि उनकी गिनती हो सके और उन्हें भी सारे अधिकार मिले जो की उच्च वर्ग ने उनसे छीने है.
5) क्या आरक्षण सिर्फ Sc, ST, और OBC के लिए ही है?
अब हम बात करेंगे क्या आरक्षण सिर्फ Sc, ST, और OBC को ही मिलता है?
तो फिर आप खुद सोचिये..
मुंडन से लेके क्रिया कर्म तक सारी विधिया कोण करता है?
क्या ये भी एक तरह का आरक्षण नहीं है?
सारे मंदिर में सिर्फ ब्राम्हण ही पुजारी होते है क्या ये एक तरफ़ा आरक्षण नहीं है?
कही भी देखिये वर्चस्व इनका ही है क्या ये आरक्षण नहीं है?
इन्हे तो आरक्षण नहीं दिया गया पर पिच्छले ५००० सालो से ये हमपे(SC/ST/OBC) कब्ज़ा किये हुवे है. हमारी नौकरियोंपर कब्जा. सारी बड़ी बड़ी कंपनियों से लेके हमारे डीसीजन लेने तक के काम यही करते है.
UPSC हो या MPSC, देश हो या विदेश सारे डीसीजन यही लेते है.
कितने है इसमें OBC , SC , ST ???
देश की सत्ता भी सालो से इन्ही के हाथ में है.
फिर बताइये सिर्फ पिछड़े वर्गों के आरक्षण को ही विरोध क्यों?
इनकी सत्ता को, इनके अत्याचारी आरक्षण को विरोध क्यों नहीं?
ये जातियाँ जिसने बनाई उनका विरोध क्यों नहीं?
आरक्षण का विरोध करने वाले जातिवाद का विरोध क्यों नहीं करते?
अगर जातियाँ नहीं होती..
सबको इंसान समझा जाता तो आरक्षण की जरुरत पड़ती????
आरक्षण का विरोध करने वाले इसके बारे में क्यों नहीं बोलते???
इसका जवाब खुद से पूछना दोस्तों.
6) क्या आरक्षण से सच में देश का नुकसान हो रहा है / या विकास हो रहा है ?
खुद सोचिये जहा हर एक को आगे आने का मौका मिल रहा है इसमें देश का नुकसान नहीं बल्कि भला हो रहा है. जितना लोग विकास करेंगे उतना ही देश आगे बढ़ेगा.
देश का नुकसान तो जातिवाद और धर्मवाद से हो रहा है. ऊपर के लोग आपको आगे नहीं जाने देना चाहते.
7) आरक्षण के लिए पैसे कहा से आते है?
ये पैसा सभी देश की जनता से टैक्स, के रूप में लिया जाता है. गरीब से गरीब इंसान भी टैक्स भरता है ये मत भूलिए. किसी एक जाती का पैसा नहीं लिया जाता. यहाँ उन्ही का पैसा उन्ही को दिया जाता है. लेकिन आप को देश के पैसो की इतनी ही चिंता है तो सब से पहले मंदिर मस्जिद के पैसे, सोना चाँदी बहार निकालिये. भगवान को पैसो से क्या लेना देना? इन पैसो का होता क्या है ये भी हमें नहीं मालूम.
फिर इसपे कोई क्यों नहीं बोलता?
सिर्फ आरक्षण से आपको तकलीफ क्यों है?
आरक्षण से देश का ही विकास हो रहा है फिर भी???
मंदिरो में पड़ा धन किसके काम आ रहा है?
(कुछ लोग मंदिरो का सरकारीकरन हुवा है बोलेंगे और कहेंगे सारा पैसा सरकार के पास जाता है. पर अगर सच में ऐसा होता आज हमारा देश दुनिया का सबसे आमिर देश होता. क्योंकि अकेले तिरुपति मंदिर में ही अमेरिका से ज्यादा सोना है. बाकि की तो बात न ही करे तो बेहतर है.)
आपको याद होगा मोदीजी ने काला धन वापस लाएंगे कहा था और १५ लाख हर एक के अकाउंट में बाँटने की बात की थी. काला धन छोडो अगर एक मंदिर भी देश की जनता के लिए खुला गया तो भी हर एक को करोडो रुपये मिल जायेंगे.
पर इस बात को कोई नहीं मानेगा. लोग चिल्लायेंगे भगवान को दिया पैसा बाँट नहीं सकते करके.
अरे बेवकुफो अगर भगवान का पैसा ही जनता के काम न आये तो फिर आरक्षण के पैसो का ही विरोध क्यों करते हो?
फिर चाहे मंदिरो में पड़ा पैसा ऐसे ही सड़ जाये. ऐसा क्यों?
क्या भगवान के पैसे से गरीबी मिटाना पुण्य नहीं है?
फिर इतनी संपत्ति का लाभ किसे????
मेरे देश को लोगों कब तक इनकी बातों में आते रहोगे?
ये मनुवादी-जातवादि लोग तुम्हे जान बुझ के भड़का रहे है.
आरक्षण से कोई पैसा नहीं खत्म हो रहा. हमारा पैसा हमें ही मिल रहा है. फिर चिल्लाने की क्या बात है?
8) क्या देश में आरक्षण से दुसरो के हक़ पे गदा आ रही है?
बहुत से लोग ऐसा मानते है. कहते है टैलेंट होके भी कास्ट की वजह से उन्हें नहीं लिया गया. एजुकेशन हो या नौकरी. हर कहीसे ये सुनने को मिलता है. उन्हें बता दू शिक्षा और नौकरी में आरक्षण भी इसी वजह से मिलता है ताकि पिछड़ी जाती के लोगों का अधिकार न छिना जाये. अगर इसमें आरक्षण न हो तो कही भी आपको कोई भी पिछड़ी जाती का नौकरी करते नहीं दिखेगा. न ही एजुकेशन में. लोकसभा, राज्यसभा की तो बात छोड़ ही दे. ये गलत लगेगा पर पूर्णतः सच है. अगर अभी आप UPSC का रिजल्ट देखेंगे तो आपको पता चल जायेगा. 95% लोग उच्च वर्ग से पास किये जाते है।
इससे भी बड़ी समस्या नौकरी में आरक्षण तो है पर सभी जगहों पर डोनेशन के नाम के निचे रिश्वत ली जाती है.
फिर चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी. वर्धा जैसी छोटी सिटी में फ़िलहाल टीचर की पोस्ट के लिए १५ लाख रुपये की मांग चालू है.
फिर बताइये जो गरीब है, पिछड़े कास्ट से है वो कहा से लाए इतने सारे पैसे???
मैंने बहुत से दोस्तों को देखा है जिन्हे खुले आम पैसे मांगे गए और पैसा न होने के कारन जॉब नहीं मिला.
फिर बताइये आरक्षण का नौकरी में कितना लाभ होगा?
बताइये क्या गरीबो के पास पैसा है?
अगर है तो देश के सारे बड़े class-I/class-II पोस्ट पे उच्च वर्ग के लोग ही क्यों है?
सारे कंपनियों पे उनका ही कब्ज़ा क्यों है???
आरक्षण सबके हक़ के लिए दिया गया है हक़ छीनने के लिए नहीं.
आरक्षण आपके हको के रक्षण के लिए है ताकि उच्च वर्ग के लोग उन्हें भी हड़प न ले.
अभी कुछ लोग कहेंगे की आरक्षण देना ही है तो कास्ट देख कर क्यों? गरीबी देखकर क्यों नहीं???
भारत की मूल समस्या जातिवाद है। जो निचली जाती का है, वह गरीब है।
अगर गरीबी देख के आरक्षण दिया जाये तो यहाँ भी उच्चवर्ग के लोग ही लूट लेंगे. क्योंकि शासन-प्रशासन इन्ही उच्च वर्गोंके हातमे है। मालिक अपने गुलामको आगे बढ़ने नहीं देगा।
गरीबों को हमेशा की तरह क्या मिलेगा??? ठेंगा.
आपको यकीं नहीं होता???
जाके किसी भी गाव में देखिये. किसानो को दुष्काल में जो सहायता मिलती है उसमे ज्यादातर कितने सही में दुष्काल ग्रस्त हुवे होते है?
यहाँ ज्यादातर लोग कुछ भी नुकसान नहीं हुवा तो भी फायदा उठाते है.
क्यों की???? पहचान.
ये सीधी सी बात है.
वैसे भी भ्रष्टाचार ने आज आरक्षण को सिर्फ नाम तक का ही रखा है.
एजुकेशन तो ठीक है लेकिन नौकरियों में ज्यादातर उसका ज्यादा फायदा नहीं होता.
दूसरी बात आरक्षण कास्ट को दिया जाता है क्यों की हजारो साल इन्हे इनके हक़ से वंचित रखा गया...
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