हमने एक ही काम किया, उन्हें काम से लगा दिया - भीम सिंह
नमस्कार। वर्ष 2009 के सितंबर माह में मीणा समाज शक्ति संगठन का गठन हुआ। इसके गठन की तारीख 9/11 है। आपको याद होगा कि ऐसी कई यादगार तारीखें हैं नवंबर माह की। जैसे 26/11 और कुछ अन्य तारीखें, जिनमें इतिहास लिखा गया है। MSSS के गठन करते समय एक ही बात ध्यान में थी कि सोए हुए समाज को जगाना। लगातार सात साल तक काम करके आठवा स्थापना दिवस हाल ही में मनाया। स्थापना दिवस के बाद कुछ लोगों ने अध्यक्ष बनते ही बधाई संदेश दिए तो कुछ शुभचिंतकों ने पूछ लिया कि बॉस आपने इन सात सालों में क्या किया। मैंने एक लाइन में जवाब दिया और ये लाइन शक्ति संगठन के कई सारे कार्यकर्ताओं ने याद भी कर ली और आप भी याद कर लें।
कि दोस्त इन सात सालों में हमने एक ही काम किया, जो सोए थे उन्हें जगा दिया और काम से लगा दिया।
जी हां। बिल्कुल यही किया हमने कि जिनके कंधों पर समाज की जिम्मेदारी थी वे अपने व्यक्तिगत कामों में रत थे और मामला भोपाल तक सीमित था। हर विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक हॉल में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन होता था और फिर कुंभकर्णी नींद। इसमें हम युवा तो कहीं थे ही नहीं। बस इस खालीपन को भरने के लिए हम चंद मित्र एकत्रित हुए और बना डाला शक्ति संगठन। शक्ति संगठन् के युवाओं ने ऐसा जोर दिखाया कि मप्र के इस छोर से लेकर उस छोर तक युवा ही युवा नजर आने लगे। इसका श्रेय डॉक्टर साहब (जीवन सिंह मीणा) को जाता है। मैं अक्सर छोटे कार्यक्रम करके कार्यकर्ता जोड़ने का प्रयास करता था, लेकिन वे बड़े कार्यक्रम करने पर जोर देते थे। आखिरकार संगठन के गठन के बाद ठीक पौने दो साल बाद जून 2011 में राजधानी के रवींद्र भवन में पहला प्रदेश स्तरीय युवा सम्मेलन हुआ। इसमें हरि भाई (युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष हरि सिंह मीणा) ने मुख्यमंत्री को लाने का सुझाव दिया और ले भी आए। बस फिर क्या था। शक्ति संगठन की गाड़ी रफ्तार पकड़ गई। इसके ठीक पांच महीने बाद देश का पहला राष्ट्रीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन गांधी भवन में करने का एलान कर दिया। संगठन के तीसरे स्थापना के उपलक्ष्य में 13 नवंबर 2011 को यह सम्मेलन आयोजित करना तय हुआ। इस एलान से बड़े-बड़ों के हाथ-पांव फूल गए और बड़े-बड़े लोग घर छोड़कर मैदान में उतर गए। योजना बनाई गई कि 13 नवंबर को आयोजित शक्ति संगठन का कार्यक्रम सफल नहीं होना चाहिए तो इसके लिए ठीक सात दिन पहले यानि 6 नवंबर 2011 को गांधी भवन में ही एक महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन सफल रहा और जहां तक याद है उसमें भी मुख्यमंत्री ने शिरकत की। हालांकि मजेदार बात यह थी कि महिलाओं के सम्मेलन में मंच पर 80 फीसद पुरुष ही थे। खैर हमें क्या करना। मैं मुद्दे पर आता हूं तो सात दिन पहले कार्यक्रम हुआ और सोचा यह गया था कि सात दिन के अंतराल से प्रदेश भर की जनता दोबारा तो भोपाल आने से रही। लेकिन देखिए साहब जनता को कोई नहीं समझ सका। इस कार्यक्रम के सात दिन बाद यान 13 नवंबर 2011 को न केवल प्रदेश बल्कि देश की जनता ने पूरे जोर-शोर से शिरकत की और ऐसा एतिहासिक परिचय सम्मेलन हुआ कि अब हम भी दोबारा उतना बड़ा कार्यक्रम करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। करीब 200 युवतियां और 150 युवक परिचय सम्मेलन में आए थे। समाज के लोगों ने बता दिया था कि उन्हें मंच दिया जाए तो वे हर काम के लिए तैयार हैं। इस कार्यक्रम में हमें तीन हीरे मिले। पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में डॉ. रवि वर्मा, बम विस्फोटक प्रदेश अध्यक्ष भाई हरि सिंह और मीणा को समाज को पहले कुशल मंच संचालक भी मिल गई। इनका नाम है डॉ. सुरेंद्र मीणा और इनके मिलते ही हमारे मंच संचालक को खोजने की मुहिम पूरी हो गई। इन्होंने ऐसा संचालन किया कि लोग मंत्रमुग्ध हो गए। हालांकि सुरेंद्र जी जून 2011 में भी मंच संचालन कर चुके थे, लेकिन तब इन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिल पाया था।
खैर बात हो रही थी काम से लगाने की तो, आपने पढ़ा कि किस प्रकार आनन-फानन में एक ही सप्ताह के भीतर मीणा समाज के दो प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम मप्र की राजधानी भोपाल में आयोजित किए गए। जबकि पहले पांच साल में एक बार होता था। ऐसा एक बार नहीं, अनेकों बार हुआ है। जब भी शक्ति संगठन का कोई कार्यक्रम होता है तो उसके आगे एकाध कार्यक्रम होे ही जाता है।
अभी 14 नवंबर 2016 को तो हद ही हो गई। शक्ति संगठन ने अपने कार्यक्रम की घोषणा सुबह की और शाम तक राजधानी में ही एक और कार्यक्रम की घोषणा हो गई। यहां तक व्हाट्स एप पर लोगों ने चैलेंज तक दे डाला कि देखते हैं किसके कार्यक्रम में ज्यादा लोग आते हैं। शक्ति संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई ताे मैंने उन्हें इतिहास याद दिलाया। बस फिर क्या था हमारे युवा साथ भाई नरेंद्र, आशीष, अमृत, रामसेवक जी, सुशील, सोनू, कमलेश जुट गए कार्ड लगाने और सूचना देने में। इनका साथ दिया आशा मैडम ने जो कि शक्ति संगठन के महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इन सबने मिलकर भोपाल में ऐसा काम किया कि कार्यक्रम वाले दिन गांधी भवन खचाखच हो गया। लोग सुबह 11 बजे आए और शाम पांच बजे तक नहीं हिले। इस दिन मंच का मोर्चा संभाला सुरेंद्र जी और हमारे प्रिय संगठन महामंत्री भाई राम घुनावत जी ने। एेसा कुशलता से कार्यक्रम किया कि लोग वाह-वाह कर उठे। ऐसे फंडे अपनाए कि एक-एक आदमी संतुष्ट। आखिर में मैंने स्वयं मंत्री जी से कहा कि जिन्हें लगता है कि दो कार्यक्रम होने से फूट नजर आएगी तो मैं बता दूं कि दो कार्यक्रम होना इस बात का परिचायक है कि समाज के लोग ज्यादा सक्रिय हो गए हैं और बहुत अधिक संख्या में हैं। इसलिए एक जगह नहीं, बल्कि दो-दो कार्यक्रम कि जाते हैं।
तो मित्रों आप समझ गए होंगे कि हमने इन सात साल में एक ही काम किया। जो घर बैठे थे उन्हें काम से लगा दिया।
धन्यवाद हरिओम जी। इस शानदार लाइन के लिए।
अब मुझे इजातत दें। मैं कल फिर मिलूंगा आपसे किसी नए विषय के साथ। पढकर अपनी प्रतिक्रिया देना नहीं भूलें और लगे कि अच्छा लिखा है तो और मीणा, मारण, रावत भाईयों तक पहुंचाना नहीं भूलें।
धन्यवाद
आपका - भीम सिंह सीहरा, प्रदेशाध्यक्ष, मीणा समाज शक्ति संगठन
शक्ति संगठन की वेबसाइट- meenasamajshaktisangathan.blogspot.com
शक्ति संगठन का ईमेल - meenasamajshaktisangathan@gmail.com
शक्ति संगठन का व्हाट्स एप नंबर - 7354791555
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