मोबाइल नंबर मत बदलिएगा, वरना हो जाओगे अपराध का शिकार - भीम सिंह सीहरा

Msss News
भोपाल। अक्सर लोग अपने मोबाइल का नंबर ऐसे बदलते हैं, जैसे प्रतिदिन स्नान के बाद कपड़े बदल रहे हों। खासतौर से युवा वर्ग में ये लत बहुत देखी जा रही है। लेकिन दोस्तों इस आदत के कई सारे नुकसान हैं, जिनसे आप अंजान है। आज में उन्हीं नुकसानों के बारे में बताने जा रहा हूं। हो सकता है आप में से कुछ इस बात को जानते हों, लेकिन दो-तीन घटनाओं से मुझे महसूस हुआ कि इस बारे में लिखना चाहिए। अभी आप देख रहे होंगे कि Msss State It टीम द्वारा लगातार समाज से जुड़ी खबरों को वायरल किया जा रहा है। इनमें ब्रॉडकॉस्ट सेवा जिसको आप सामुहिक मैसेज सेवा भी कह सकते हैं कि जरिए सीधे व्यक्ति के नंबर पर भी संदेश भेजा जाता है। पिछले एक सप्ताह में हमारी आईटी टीम को तीन कॉल आए और उन्होंने बताया कि साहब क्यों प्रतिदिन मीणा समाज की खबरें हमारे मोबाइल पर भेज रहे हैं। जब हमने उनसे तस्दीक की तो वे दूसरी समाज के लोग निकले और उन्होंने बताया कि हाल ही में उक्त नंबर उन्होंने लिया है। यानि हम हमारी प्रत्येक जानकारी दूसरी समाज के व्यक्ति तक पहुंचा रहे थे। एक के बाद एक जब तीन लोगों ने इस प्रकार की आपत्ति ली तो हमने तय किया कि इस बात को अभियान का रूप देकर सुधार किया जाएगा। दरअसल आप संगठन को एक बार नंबर देते हैं। जैसे हमारे पास पूरे प्रदेश के हजारों मोबाइल नंबर हैं। लेकिन आप बीच में नंबर बदल लेते हैं और इसकी जानकारी हमें नहीं होती। लेकिन हम अपनी तरफ से आपको संदेश भेजते रहते हैं। यानि हम संदेश भेज भी रहे हैं और वह जानकारी आप तक पहुंच भी नहीं रही है। आप जब हमसे मिलते हैं तो शिकायत करते हैं कि फलां कार्यक्रम के बारे में उन्हें क्यों नहीं बताया गया। अब हम कहेंगे कि हमने तो बताया था, लेकिन आपने नंबर बदल लिया। तो एक बड़ा नुकसान तो यह है कि आप नंबर बदलते ही संगठन से कट जाएंगे। 
वहीं दूसरा बड़ा नुकसान है कि आपको नंबर बदलने से  कोई बड़ी आर्थिक क्षति हो सकती है या फिर आप या आपका कोई परिजन आपराधिक घटना का शिकार हो सकता है। इसके यूं समझिए कि आपने नंबर बदल लिया, लेकिन आपके रिश्तेदार को जानकारी नहीं है। ऐसे में कोई व्यक्ति जो इस नंबर को नए नाम लेगा तो उसके पास आपके परिचितों के कॉल आएंगे। यदि वह व्यक्ति बदमाश निकला तो आराम से आपके रिश्तेदार को भरोसा दिलाकर कोई वारदात कर सकता है। खासतौर से महिला सदस्यों को शिकार बना सकता है।
इसी प्रकार आर्थिक क्षति भी वह आपको आराम से पहुंचा सकता है। जैसे आपको आपके मोबाइल पर बैंक आदि की जानकारी एसएमएस के जरिए मिलती होगी। अब आपने नंबर तो बदल लेते हैं, लेकिन बैंक, सोशल मीडिया आदि में अपना नंबर अपडेट नहीं करते हैं। ऐसे में नंबर बदलने के बाद कोई भी एक्टिविटी करेंगे तो नोटफिकेशन यानि आपके द्वारा की गई गतिविधि किसी अन्य के पास पहुंच जाएगी और वह आराम से आपके नाम पर बैंक अकाउंट या फिर सोशल मीडिया अकाउंट इस्तेमाल कर सकता है। अब जो आदमी ऐसा करेगा, वह भला तो होगा नहीं। 
एक और नुकसान नंबर बदलने का है कि आप नंबर बदलते ही पुराने संपर्कों से कट जाते हैं। जबकि लोगों के पास आप तक पहुंचने का एकमात्र जरिया ही आपका नंबर होता है। नाम की तरह नंबर भी आपकी पहचान होता है।
नंबर बदलना ही हो तो इस बात का ध्यान रखें - कई बार परिस्थिति ऐसी बनती हैं कि नंबर बदलना ही पड़ता है। ऐसे में अपने मोबाइल में सेव तमाम नंबर पर एसएमएस कर नए नंबर की सूचना दें, लेकिन पुरानी सिम फेंके नहीं। कारण है कि कई लोगों के नंबर आपके पास भले ही सेव न हो, लेकिन लोगों के पास आपका नंबर सेव रहता है। एक रास्ता यह भी है कि आप नंबर बदलने की बजाय ड्यूल सिम वाले मोबाइल का इस्तेमाल करें। या फिर कोई सस्ता फोन लेकर उसमें पुरानी सिम डाल दें। 
सुविधाओं यानि ड्यूल सिम को देखते हुए एक और सलाह देना चाहूंगा कि बैंक में इस्तेमाल किए जाने वाले नंबर को सोशल मीडिया पर इस्तेमाल नहीं करें। खासतौर से तब जब आप बड़ा ट्रांजेक्शन प्रति दिन करते हों। नंबर एक बार लें और स्पेशल लें। बहुत ज्यादा नंबर नहीं रखें, इससे छवि खराब होती है और एक तरह से यह ठीक नहीं माना जाता है।
तो मित्रों आज की बात इतनी ही। अगली बार फिर हम किसी नए मुद्दे पर मिलेंगे। आप अपनी राय सीधे ब्लॉग पर जाकर टिप्पणी के माध्यम से दे सकते हैं। हम आपकी राय को ब्लॉग पर पब्लिश भी करेंगे। या फिर jaimeenesh@gmail.com याा फिर Msss का व्हाट्स एप नंबर 073547-91555 पर संदेश भेज सकते हैं। इस आलेख पर कोई भी सुझाव आप बेझिझक अपनी राय रख सकते हैं। आपकी गाेपनीयता बरकरार रहेगी।
-----
आपका - 
भीम सिंह सीहरा
प्रदेशाध्यक्ष, मीणा समाज शक्ति संगठन मप्र
Email - bheemsinghseehra@gmail.com

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मीणा जनजाति मीन भगवान की वंशज है

मीणा समाज शक्ति संगठन दाे दिन तक करेगा मिशन-2018 पर मंथन