सचमुच समाज की सेवा करने वाले लोग अदभुत हाेते हैं - नरेंद्र

एक बार नारद मुनि ने भगवान विष्णु से पूछा कि आपके मंदिर में आने वाला हर भक्त दावा करता है कि वह आपका सबसे बड़ा भक्त वहीं है। तो प्रभु आप किसे अपना सच्चा भक्त मानते हैं। प्रश्न पूछने के बाद नारद जी भगवान की तरफ आशा भरी नजरों से देखा कि प्रभु उनका यानि स्वयं नारद जी को ही अपना प्रिय भक्त बताएंगे। लेकिन विष्णु जी ने एक किसान का नाम लिया। नारद जी थोड़े दुखी हुए तो प्रभु उनके मन की बात जान गए। वे तत्काल नारद मुनि को लेकर किसान के पास उसके गांव में पहुंचे। वहां देखा कि किसान अपनी धुन में सिर पर घड़ा रखकर चला जा रहा है और भगवान के भजन भी गा रहा है। विष्णु ने नारद के सिर पर घड़ा रखकर कहा कि अब आप चलिए और ध्यान रखें कि घड़े से एक बूंद भी छलकें नहीं। नारद ने ऐसा ही किया और परेशान होकर थोड़ी देर में घड़ा सिर से उतार दिया। तब प्रभु ने पूछा कि जितनी देर आपके सिर पर घड़ा रहा तो आपने मुझे याद किया क्या? नारद ने न में सिर हिलाया और उन्हें समझ में आ गया कि क्यों किसान ही प्रभु का सच्चा भक्त है।
साथियों यह कहानी इसलिए आपको सुनाई कि समाज के लिए जो लोग नौकरी आदि में रहकर समय देते हैं वे सच्चे समाज सेवी हैं। ऐसे में यदि वे युवा हो तो फिर मान लीजिए कि उन्होंने स्वयं के साथ नाइंसाफी करने का मन बना लिया। क्योंकि युवा उम्र में करियर बनाने का समय होता है और समाज के कुछ युवा ऐसे समय में समाज की उन्नति का भार अपने कंधों पर लेकर चल रहे हैं। धनवान, फ्री आदमी और नौकरी छोड़कर तो कोई भी यह काम कर सकता है। जो राजनीति में हैं उनको तो ऐसा करने से फायदा ही मिलता है। लेकिन जो प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। जो व्यवसाय जमा रहे हैं और लोन लेकर पूंजी बना रहे हैं, यदि वे समाज का दिन-रात काम करें तो फिर मेरी नजर में वे किसान की भांति भगवान के सच्चे भक्त हैं। आज यह बात इसलिए लिख रहा हूं कि बीते रविवार एक वाकया मेरे सामने हुआ था।
बात 4 दिसंबर 2016 की है, जब प्रदेश की एक टीम बुधनी विधानसभा के नसरुल्लागंज नगर गई। इस टीम में मेरे अलावा चार लोग और थे। हमारे प्रदेश अध्यक्ष भीम भैया, प्रदेश संगठन महामंत्री राम भैया, प्रदेश प्रवक्ता दीनू भैया, जिला होशंगाबाद के अध्यक्ष भाई माखन सिंह जी और प्रदेश आईटी टीम का सदस्य सुशील।आप सब जानते हैं कि दौरे के दौरान संपर्क, भाषण और बैठक जैसे कार्यक्रम होते हैं। लेकिन मैं परदे के पीछे की कहानी आप बता रहा हूं। हम सब भीम भैया के घर से उनकी स्कॉर्पियों लेकर सुबह दस बजे नसरुल्लागंज के लिए रवाना हुए। प्रदेशाध्यक्ष को तेज बुखार था। जब हम निकल रहे थे तो उनकी बड़ी बेटी जस्मिथा ने कहा कि पापा शाम को मेरा एनुअल फंक्शन है आप समय पर आ जाना। भीम भैया आश्ववासन देकर निकल लिए। मंडीदीप से दीनू भैया को लिया और माली बायां तिराहे से राम भैया व माखन जी को बैठाया। राम भैया भी भास्कर में रिपोर्टर हैं तो मैंने देखा कि लगातार उनके ऑफिस से कॉल आ रहे थे। माखन जी ठेकेदार हैं तो उनकी लेबर भी काम नहीं कर रही थी, ऐसा एक इश्यु आया। भीम भैया का बुखार बढ़ गया तो उन्होंने टेबलेट ली और आगे बढ़ गए। हम सब नसरुल्लागंज पहुंचे। सबसे मिले। इस संपर्क अभियान में शाम के छह बज गए थे। शाम चार बजे से ही भीम भैया की बेटी का लगातार फोन आ रहा था और वे बार-बार माफी मांग रहे थे। इधर नसरुल्लागंज के कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव में उनके स्वागत की व्यवस्था कर दी और जनभावनाओं का आदर करना भीम भैया बखूबी जानते हैं। राम भैया को भी ऑफिस से कॉल आने लगे थे और उनसे खबर मांगी जा रही थी। हम नसरुल्लागंज से शाम सात बजे निकले और रात दस बजे घर पहुंचे। तब तक भीम भैया की बेटी का एनुअल फंक्शन समाप्त हो गया था और वो रेस में प्रथम आई थी, लेकिन उन पल को देखने के लिए उसके पापा वहां नहीं थे। फिर भी भीम भैया ने सभी को एक रेस्टोरेंट में बुलाया और खाना खिलाया। इस दौरान उनकी बेटी एक ही सवाल कर रही थी कि पापा आप क्यों नहीं आए? सबके पापा थे। मैंने मैडल भी जीता। बाप-बेटी के बीच की यह बात सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। दोस्तों वाकई समाज का काम करना तलवार की धार पर चलने जैसा है। यहां रिश्ते-नाते सब ताक पर रखे जाते हैं। भीम भैया पत्रकार हैं और राजधानी में हर बड़ा आदमी को उनका जानता है। वे चाहे तो अपने रिश्तों को इन लोगों से मजबूत करके कई सारे लाभ ले सकते हैं। लेकिन वे अपने हर संबंध को समाज के लिए लगा देते हैं। उनका पारिवारिक जीवन भी बहुत अव्यवस्थित है, लेकिन हैरानी होती है कि वे हमसे ज्यादा परिवार को मैनेज कर लेते हैं। साल में कई बार बच्चों को पिकनिक ले जाते हैं। शक्ति संगठन की सफलता की एक बड़ी वजह यही है कि यहां हर आदमी किसी ने किसी काम से जुड़ा है और खुद बहुत सफल है। जैसे हमारे डॉक्टर जीवन सिंह गांधी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे महत्वपूर्ण पद पर हैं। हरि भैया शहर के नामी-गिरामी बिजनेस मेन व भाजपा के बड़े नेता हैं। रामगोपाल भैया का मप्र के साथ छग में भी बिजनेस है और महीने के पंद्रह दिन तो पैक्ड होते हैं। दीनू भैया वेयरहाउसिंग में जॉब करने के साथ कई सारे काम करते हैं। वकील साहब तो बेहद व्यस्त वकील हैं। रामसेवक जी विधानसभा में ड्यूटी करने के साथ समाज को जबरदस्त समय देता है। दोस्तों इन सबको देखकर जबरदस्त उत्साह मिलता है। एेसा लगता है कि जीवन में कुछ बड़ा करना है और समाज को उन्नति के शिखर पर ले जाना है। भीम भैया ने मुझे भी भास्कर परिवार से जोड़ दिया है और वे कहते हैं कि पहले करियर, फिर समाज सेवा। उनका मैनेजमेंट देखकर तो दांतों तले ऊंगली दबाने का मन होता है। यह लेख लिखने का मकसद केवल इतना है कि ये भैया लोग हम युवाओं के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं तो हम युवाओं को सिर्फ इनका साथ देना है।
आपका
नरेन्द्र गुगली 
जिला अध्यक्ष भोपाल 
7354995218

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