मेरा समाज बदल रहा है आगे बढ़ रहा है

भोपाल । कल कल देश के तीन स्थानों पर मीणा समाज द्वारा तीन उपलब्धियां हासिल की गई पहला मामला था गुना जिले की चाचौड़ा तहसील के संतोष मीना द्वारा अपनी दादी की तेरबी(रसोई) के कार्यक्रम को न करने का निर्णय। वही दूसरा होशंगाबाद जिले में दूल्हे द्वारा नर्मदा संरक्षण के लिए  मा नर्मदा की जल में मछली विसर्जन का कार्यक्रम। नहीं तीसरा मामला राजस्थान का हे जहां पर एक बेटी ने अपने पिता का नाम ऊंचा किया इन तीनों ही मामलों को मीणा समाज शक्ति संगठन प्रोत्साहित करता है और ऐसे लोगों को बधाई देता है।

अब जानकारी विस्तार से -

भोपाल। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित गांव गोरा का एक दूल्हा दीपक मीणा और उसके परिजन शुक्रवार की दोपहर में नर्मदा के किनारे एकत्रित हुए। यूं तो इस जिले के लोगों के द्वारा मां नर्मदा का पूजन करना हर कार्यक्रम क अहम हिस्सा होता है, लेकिन इस बार परिदृश्य बदला हुआ था। क्योंकि दूल्हा और उसके परिजन मां नर्मदा में मछलियों का विसर्जन कर रहे थे। वहीं पर "मीणा समाज शक्ति संगठन" के जिलाध्यक्ष भाई माखन बमनावत द्वारा इन्हें नर्मदा के संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई। इस पूरे कार्यक्रम को कई समाचार चैनल और समाचार पत्रों ने कवर किया। इस अनूठे कार्यक्रम की शुरुआत एक महीने पहले तब हुई जब मध्य प्रदेश सरकार ने मां नर्मदा के जल को प्रदूषण से बचाने के लिए नमामि देवी नर्मदे अभियान का शुभारंभ किया। वैज्ञानिकों ने माना की मां नर्मदा की जल में मछलियों की कमी हो गई है, इसलिए प्रदूषण बढ़ रहाहै। चूंकि मीणा  समाज भगवान विष्णु के प्रथम अवतार मत्स्य अवतार का पूजन करते हैं। इसलिए मीणा समाज शक्ति संगठन ने यह पुण्य का अपने हाथ में लिया और मां नर्मदा के जल को शुद्ध करने के लिए पूरा का पूरा अभियान ही शुरु कर दिया। इस अभियान को शुरु करने का एक और कारण है। मीणा समाज शक्ति संगठन मध्य प्रदेश ने 3 महीने पहले एक संकल्प लिया कि अब मध्य प्रदेश में हमारी समाज की एक अलग पहचान होगी । इसी के अंतर्गत सबसे पहले "हर-हर मीनेष, घर-घर मीनेष" अभियान शुरु किया गया। इस अभियान के अंतर्गत मां नर्मदा के जल को प्रदूषण से बचाने के लिए मछलियों का विसर्जन कार्यक्रम प्रारंभ किया आज यह कार्यक्रम होशंगाबाद जिले से प्रारंभ होकर हरदा हॉरर खंडवा पहुंच गया है इतना ही नहीं होशंगाबाद के लोगों ने इस मछली विसर्जन के कार्यक्रम को अपनी परंपराओं में भी शामिल कर लिया।

भाई संतोष मीणा, तहसील चाचौड़ा जिला गुना(मध्यप्रदेश) ने अपनी दादी के निधन पर होने बाली तेरबी(रसोई) के कार्यक्रम को न करने का निर्णय लिया। जिसकी हम व्यक्तिगत सरहाना करते हैं। इस निर्णय के प्रत्यक्ष दर्शियो में डॉ संजय मीना (जिला अध्यक्ष- मीना समाज शाक्ति संगठन), अनिरुद्ध मीना पूर्व जिला अध्यक्ष मीना समाज सेवा संघटन, रोहित मीना खड़िया, सुरेश मीना पेंची, कमल सिंह मीना करेला, आदि शामिल हुए।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मीणा जनजाति मीन भगवान की वंशज है

मीणा समाज शक्ति संगठन दाे दिन तक करेगा मिशन-2018 पर मंथन