60 हजार रुपए में कर डाला प्रशिक्षण वर्ग और विधानसभा सम्मेलन, Just Imagine
- मेरा समाज बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है
भोपाल। तीन दिन तक समाज के सैंकड़ो लोग एक ही स्थान पर ठहरे। सबके सोने-बैठेन आदि की शानदार व्यव्स्था हुई। सुबह का नाश्ता, शाम की चाय, दोनों समय भोजन, बस से घूमना और आखिर में पांच हजार लोगों का विधानसभा सम्मेलन भी हो जाए। सम्मेलन में बड़ा सा मंच, माइक और पूरा टेंट लगा हो। इन सब पर खर्च आए मात्र 60 हजार रुपए। क्या आप ऐसा सोच सकते हैं? लेकिन इस सोच को साकार करके दिखाया है "मीणा समाज शक्ति संगठन" की सीहोर जिला टीम ने। अब आप सोच रहे होंगे कि अचानक बीच में यह बातें कहां से आ गई। दरअसल आज सीहोर के जिला संगठन मंत्री राजकुमार पटेल का जन्मदिन है और इस चक्कर में राजकुमार के साथ प्रदेश महामंत्री दीपक चवरसिया व जिलाध्यक्ष दीपक म्याला से बात हुई। बात ही बात में पता चला कि बीते माह यानि दिसंबर 2016 में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग व बुधनी विधानसभा सम्मेलन मात्र 60 हजार रुपए में संपन्न हो गया। कमाल की बात तो यह है कि इस पूरे आयोजन को सीहोर के नए लड़कों ने करके दिखा दिया। हालांकि इन्हें वरिष्ठों का सहयोग रहा, लेकिन इतने कम खर्च में इतना बड़ा कार्यक्रम करना आसान बात नहीं होती। लेकिन ऐसा हुआ और ऐसा होने का मुख्य कारण है शक्ति संगठन की प्रदेश टीम द्वारा अपनाई जाने वाली मितव्ययता की आदत। जी हां दोस्तों मीणा, मारण, रावत समाज के युवाओं की बुलंद और सशक्त आवाज कहलाने वाला शक्ति संगठन केवल काम नहीं करता, बल्कि खर्चे में कमी का पूरा ध्यान रखता है। इसके एक नहीं, बल्कि अनेक उदाहरण हैं।
शक्ति संगठन की होशंगाबाद जिला ईकाई ने वर्ष 2015 के मीनेष जयंती समारोह को मात्र 2700 रुपए में संपन्न करा दिया था। जबकि वर्ष 2016 में इसी होशंगाबाद टीम ने प्रदेश स्तरीय आयोजन, जिसमें आवास, भोजन, टेंट, माइक, रैली, तस्वीर, माला, पुरुस्कार आदि सभी का कुल खर्च 18 हजार रुपए आया था। आप नहीं सोच सकते हैं न। लेकिन ऐसा हुआ है। इतना ही नहीं 14 नवंबर 2016 को भोपाल में आयोजित प्रदेश स्तरीय स्थापना दिवस समारोह मात्र 40 हजार रुपए में संपन्न हो गया था। यह कार्यक्रम भोपाल के गांधी भवन में हुआ था, जिसमें एक हजार लोगों के बैठने से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की गई थी। भोजन भी बफेट सिस्टम था। वहीं पूरे भवन के अंदरुनी हिस्से को फूलों से सजाया गया था और बाहर व पूरे भोपाल में होर्डिंग लगाए गए थे। हैं न कमाल की बात, क्योंकि इसी भवन में हमने लोगों को लाखों रुपए खर्च करते देखा है। बदले में भोजन के पैकेट मिलते थे। लेकिन इसका क्रेडिट मुझे या प्रदेश संगठन महामंत्री राम घुनावत को नहीं जाता, बल्कि इसका क्रेडिट जाता है संगठन के प्रथम अध्यक्ष भाई डॉ. जीवन सिंह मीणा, दूसरे अध्यक्ष भाई हरि सिंह और तीसरे अध्यक्ष राम गोपाल जी को। इन तीनों के ही कार्यकाल में मैं प्रदेश संगठन् महामंत्री रहा और नजदीक से देखा कि कैसे रुपए-पैसे बचाने के लिए जद्दोजहद की जाती थी। सबसे बड़ी बात की आज तक समाज से चंदा नहीं लिया गया। पूरे साल में एक बार प्रदेश पदाधिकारियों से तय राशि ली जाती है उससे पूरे साल काम चलाया जाता है। वहीं जो राशि हमारे द्वारा संगठन संचालन के लिए ली जाती है, उसकी पाई-पाई का हिसाब दिया जाता है। बात यहीं खत्म नहीं होती। जिनके द्वारा एक रुपए का भी सहयोग किया जाता है तो उन्हें कभी भी हिसाब पूछने का अधिकार दिया जाता है। अब तो लोग बोलने लगे कि यार इतने बड़े-बड़े कार्यक्रम कैसे कर लेते हो? इस सवाल का जवाब एक ही होता है कि समाज का रुपया फिजुल खर्ची के लिए नहीं है। यह पैसा समाज सेवा के लिए दिया गया है और इसका हिसाब जनता को मिलना चाहिए। हमारी कोशिश है कि हम भविष्य में समाज के लोगों से बिना एक रुपए लिए प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम करके दिखाएंगे। बस आपका साथ बना रहे।
जय हिंद, जय भारत, जय मीनेष
आपका
- भीम सिंह सीहरा, प्रदेश अध्यक्ष
मीणा समाज शक्ति संगठन, मप्र
whats app नंबर - 07354791555
ईमेल - bheemsinghseehra
भोपाल। तीन दिन तक समाज के सैंकड़ो लोग एक ही स्थान पर ठहरे। सबके सोने-बैठेन आदि की शानदार व्यव्स्था हुई। सुबह का नाश्ता, शाम की चाय, दोनों समय भोजन, बस से घूमना और आखिर में पांच हजार लोगों का विधानसभा सम्मेलन भी हो जाए। सम्मेलन में बड़ा सा मंच, माइक और पूरा टेंट लगा हो। इन सब पर खर्च आए मात्र 60 हजार रुपए। क्या आप ऐसा सोच सकते हैं? लेकिन इस सोच को साकार करके दिखाया है "मीणा समाज शक्ति संगठन" की सीहोर जिला टीम ने। अब आप सोच रहे होंगे कि अचानक बीच में यह बातें कहां से आ गई। दरअसल आज सीहोर के जिला संगठन मंत्री राजकुमार पटेल का जन्मदिन है और इस चक्कर में राजकुमार के साथ प्रदेश महामंत्री दीपक चवरसिया व जिलाध्यक्ष दीपक म्याला से बात हुई। बात ही बात में पता चला कि बीते माह यानि दिसंबर 2016 में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग व बुधनी विधानसभा सम्मेलन मात्र 60 हजार रुपए में संपन्न हो गया। कमाल की बात तो यह है कि इस पूरे आयोजन को सीहोर के नए लड़कों ने करके दिखा दिया। हालांकि इन्हें वरिष्ठों का सहयोग रहा, लेकिन इतने कम खर्च में इतना बड़ा कार्यक्रम करना आसान बात नहीं होती। लेकिन ऐसा हुआ और ऐसा होने का मुख्य कारण है शक्ति संगठन की प्रदेश टीम द्वारा अपनाई जाने वाली मितव्ययता की आदत। जी हां दोस्तों मीणा, मारण, रावत समाज के युवाओं की बुलंद और सशक्त आवाज कहलाने वाला शक्ति संगठन केवल काम नहीं करता, बल्कि खर्चे में कमी का पूरा ध्यान रखता है। इसके एक नहीं, बल्कि अनेक उदाहरण हैं।
शक्ति संगठन की होशंगाबाद जिला ईकाई ने वर्ष 2015 के मीनेष जयंती समारोह को मात्र 2700 रुपए में संपन्न करा दिया था। जबकि वर्ष 2016 में इसी होशंगाबाद टीम ने प्रदेश स्तरीय आयोजन, जिसमें आवास, भोजन, टेंट, माइक, रैली, तस्वीर, माला, पुरुस्कार आदि सभी का कुल खर्च 18 हजार रुपए आया था। आप नहीं सोच सकते हैं न। लेकिन ऐसा हुआ है। इतना ही नहीं 14 नवंबर 2016 को भोपाल में आयोजित प्रदेश स्तरीय स्थापना दिवस समारोह मात्र 40 हजार रुपए में संपन्न हो गया था। यह कार्यक्रम भोपाल के गांधी भवन में हुआ था, जिसमें एक हजार लोगों के बैठने से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की गई थी। भोजन भी बफेट सिस्टम था। वहीं पूरे भवन के अंदरुनी हिस्से को फूलों से सजाया गया था और बाहर व पूरे भोपाल में होर्डिंग लगाए गए थे। हैं न कमाल की बात, क्योंकि इसी भवन में हमने लोगों को लाखों रुपए खर्च करते देखा है। बदले में भोजन के पैकेट मिलते थे। लेकिन इसका क्रेडिट मुझे या प्रदेश संगठन महामंत्री राम घुनावत को नहीं जाता, बल्कि इसका क्रेडिट जाता है संगठन के प्रथम अध्यक्ष भाई डॉ. जीवन सिंह मीणा, दूसरे अध्यक्ष भाई हरि सिंह और तीसरे अध्यक्ष राम गोपाल जी को। इन तीनों के ही कार्यकाल में मैं प्रदेश संगठन् महामंत्री रहा और नजदीक से देखा कि कैसे रुपए-पैसे बचाने के लिए जद्दोजहद की जाती थी। सबसे बड़ी बात की आज तक समाज से चंदा नहीं लिया गया। पूरे साल में एक बार प्रदेश पदाधिकारियों से तय राशि ली जाती है उससे पूरे साल काम चलाया जाता है। वहीं जो राशि हमारे द्वारा संगठन संचालन के लिए ली जाती है, उसकी पाई-पाई का हिसाब दिया जाता है। बात यहीं खत्म नहीं होती। जिनके द्वारा एक रुपए का भी सहयोग किया जाता है तो उन्हें कभी भी हिसाब पूछने का अधिकार दिया जाता है। अब तो लोग बोलने लगे कि यार इतने बड़े-बड़े कार्यक्रम कैसे कर लेते हो? इस सवाल का जवाब एक ही होता है कि समाज का रुपया फिजुल खर्ची के लिए नहीं है। यह पैसा समाज सेवा के लिए दिया गया है और इसका हिसाब जनता को मिलना चाहिए। हमारी कोशिश है कि हम भविष्य में समाज के लोगों से बिना एक रुपए लिए प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम करके दिखाएंगे। बस आपका साथ बना रहे।
जय हिंद, जय भारत, जय मीनेष
आपका
- भीम सिंह सीहरा, प्रदेश अध्यक्ष
मीणा समाज शक्ति संगठन, मप्र
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